shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained
shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained
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पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
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शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब check here चूक हमारी॥